संस्कृत व्याकरण (Sanskrit Grammar)
जिस शास्त्र से शब्दों की शुद्धता का ज्ञान होता है, उस शास्त्र का नाम व्याकरण है। संस्कृत व्याकरण की परम्परा बहुत प्राचीन है। संस्कृत भाषा को शुद्ध रूप में जानने के लिए व्याकरण शास्त्र का अध्ययन करना आवश्यक है। संस्कृत वेद का सर्वप्रमुख अंग मानी जाती है। किसी भी भाषा में महारथ हासिल करने के लिए उसकी व्याकरण का अध्ययन बहुत जरूरी है। संस्कृत से संबंधित व्याकरण के नियम न केवल आपको परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त करने में मदद करेंगे बल्कि विषय की एक मजबूत नींव भी प्रदान करेंगे।
यहाँ हम संस्कृत व्याकरण के सभी महत्वपूर्ण विषयो की जानकारी प्रदान करेंगे, जैसे- महेश्वर सूत्र, वर्ण-विचार, पर्यायवाची, समास, संधि, कारक, विभक्ति, प्रत्यय, उपसर्ग, अनुवाद आदि कई और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेंगे।