Chitra Varnan in Sanskrit for Class 10

Chitra Varnan in Sanskrit for Class 10 (Sanskrit Vyakaran) |

संस्कृत में चित्र वर्णन

चित्राधारितवर्णनम्’ अर्थात् चित्र के आधार पर उसका वर्णन करना। यह वर्णन मंजूषा में दिए गए शब्दों की सहायता से करना होता है। चित्र को देखकर अपने शब्दों में वर्णन करना ही चित्रवर्णन कहलाता है। चित्रवर्णन में दो बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, 1. वाक्य व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध होना चाहिए। 2. वाक्य में चित्र से सम्बन्धित वर्णन ही करना चाहिए।

चित्रवर्णन करते समय ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बिन्दु:

  1. वाक्य बनाने में सरल शब्दों का चुनाव करें।
  2. कठिन वाक्य बनाने की कोशिश बिलकुल भी न करें।
  3. चित्र में जो वस्तुएँ दिखाई गई हैं, उन्हीं का वर्णन करने कोशिश करें।
  4. मञ्जूषा में से जिनके नाम आप संस्कृत में जानते हों, उन्हीं से वाक्य बनाने की कोशिश करें।
  5. चित्र का पहला वाक्य वह बनाएँ, जहाँ का वह चित्र हो, जैसे- विद्यालय का, घर का, कार्यालय का, उद्यान का आदि।
  6. जितने वाक्यों में चित्रवर्णन पूछा गया हो, उतने ही वाक्यों में चित्रवर्णन करें।
  7. अस् धातु का सही प्रयोग करें। यदि एक वस्तु के बारे में वाक्य बना रहे हैं, तो ‘अस्ति‘ क्रिया लगाएँ, और यदि बहुत सारी वस्तुओं के बारे में वाक्य बना रहे हैं, तो ‘सन्ति‘ क्रिया का प्रयोग करें।

यहाँ पर हम चित्र-वर्णन के कुछ उदाहरण सरल भाषा में दे रहें हैं, जिन्हें आप आसानी से समझ सकेंगे और याद कर सकेंगे।

चित्राधारितवर्णनम्

चित्रवर्णन-1

अधः प्रदत्तं चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषायां प्रदत्तशब्दानां साहाय्येन पञ्च वाक्यानि संस्कृतेन लिखत।
(नीचे दिए गए चित्र का वर्णन मञ्जूषा में दिए गए शब्दों की सहायता से पाँच वाक्य संस्कृत में लिखिए।)
(Describe the following picture in five Sanskrit sentences with the help of the word given in the box below.)

Chitra-varnan-1

मंजूषा-  उद्यानम्, बालः, खेलतः, द्वौ, बाला करोति, पश्यति, वृक्षः, चित्रम्, रचयति, उपविशति, दोलायाम्, पादकन्दुकम्।

उत्तर –
(1) इदं चित्रम् उद्यानस्य अस्ति। (यह चित्र उद्यान (बगीचे) का है।)
(2) एका बाला सुन्दरं चित्रं रचयति। (एक बालिका सुन्दर चित्र बना रही है।)
(3) बालकाः पादकन्दुकेन खेलन्ति। (बालक फुटबॉल से खेल रहे हैं।)
(4) वृक्षस्य अधः द्वे बालिके दोलायाम् दोलयतः। (पेड़ के नीचे दो बालिकाएँ झूला झूल रही हैं।)
(5) उद्याने द्वौ जनौ उपविशतः। (उद्यान में दो लोग बैठे हैं।)


चित्रवर्णन-2

Chitra-varnan-2

मंजूषा-  खेलन्ति, क्रीडाङ्गणे, वृक्षाः, बालाः, फुटबॉलक्रीडा, पश्यन्ति, गृहम्।

उत्तर –
(1) एतत् क्रीडाङ्गनस्य चित्रम् अस्ति। (यह खेल के मैदान का चित्र है।)
(2) बालकाः पादकन्दुकेन खेलन्ति। (बालक फुटबॉल से खेल रहे हैं।)
(3) अत्र अनेकाः हरिताः वृक्षाः सन्ति। (यहाँ अनेक हरे पेड़ हैं।)
(4) बालकः बालिकाश्च पितरौ सह फुटबॉलक्रीडां पश्यतः। (बालक और बालिका माता-पिता के साथ फुटबॉल का खेल देख रहे हैं।)
(5) अस्मिन् चित्रे एकं सुन्दरं गृहम् अस्ति। (इस चित्र में एक सुंदर घर है।)


चित्रवर्णन-3

Chitra-varnan-3

मंजूषा-  धावन्ति, प्रसन्नाः, सन्ति, हस्तौ, मेलयित्वा, कन्या, वेशभूषां, धारयन्ति, अस्ति, हसन्ति।

उत्तर –
(1) इदं चित्रम् कस्यचित् आपणस्य अस्ति। (यह चित्र किसी बाज़ार का है।)
(2) बालकाः स्वमित्रैः सह मेलयित्वा प्रसन्नाः भवन्ति। (बालक अपने मित्रों के साथ मिलकर प्रसन्न हो रहे हैं।)
(3) सर्वे जनाः सुन्दरवेशभूषां धारयन्ति। (सभी लोगों ने सुन्दर वस्त्र पहन रखे हैं।)
(4) जनाः इतस्ततः धावन्ति। (लोग इधर-उधर दौड़ रहे हैं।)
(5) एका महिला वस्त्रं पश्यति। (एक महिला वस्त्र देख रही है।)


चित्रवर्णन-4

Chitra-varnan-4

मंजूषा-  बालः, पश्यतः, बालः, वृक्षः, हरितः, पुष्पे, पादपाः, पत्राणि, पश्यन्ति।

उत्तर –
(1) इदम् उपवनस्य चित्रम् अस्ति। (यह उपवन (बगीचे) का चित्र है।)
(2) द्वौ बालौ व्यायामं कुरुतः। (दो बालक व्यायाम कर रहे हैं।)
(3) सरोवरे राजहंसाः तरन्ति। (तालाब में राजहंस तैर रहे हैं।)
(4) आकाशे पक्षिणः उड्डयन्ति। (आकाश में पक्षी उड़ रहे हैं।)
(5) उपवने अनेकाः हरिताः वृक्षाः पत्राणि पुष्पाणि च सन्ति। (बगीचे में अनेक हरे पेड़, पत्ते और फूल हैं।)


चित्रवर्णन-5 

Chitra-varnan-5

मंजूषा-  शाकविक्रेता, कोलाहलः, समूहः, आकारयन्ति, कदली, आलुकम्, पलाण्डु, गृञ्जनम्, प्रयच्छन्ति, विक्रीणन्ति।

उत्तर –
(1) इदं चित्रं शाकापणस्य अस्ति। (यह चित्र सब्जी मंडी का है।)
(2) शाकविक्रेतारः शाकान् क्रेतुम् जनान् आकारयन्ति। (सब्जी वाले सब्जियाँ खरीदने के लिए लोगों को बुला रहे हैं।)
(3) अत्र शाकविक्रेतारः आलूकम्, पलाण्डु, गृञ्जनम्, कदलीफलं इत्यादयः विक्रीणन्ति। (यहाँ सब्जी वाले आलू, प्याज़, गाजर, केले इत्यादि बेच रहे हैं।)
(4) महिला शाकविक्रेतारम् आलूकस्य मूल्यं पृच्छति। (महिला सब्जी वाले से आलू का मूल्य पूछ रही है।)
(5) एकः पुरुषः बालिकायै एकं स्यूतं यच्छति। (एक पुरुष बालिका को एक थैली दे रहा है।)


चित्रवर्णन-6 

Chitra-varnan-6

मंजूषा-  महाभारतम्, श्रीकृष्णः, अर्जुनाय, युद्धसमये, उपदेशान्, मोहात्, ददाति, कर्तव्यपालनम्, युद्धाय, सन्नद्धः।

उत्तर –
(1) इदं महाभारतस्य कुरुक्षेत्रस्य चित्रम् अस्ति। (यह महाभारत के कुरुक्षेत्र का चित्र है।)
(2) अर्जुनः युद्धसमये स्वपरिजनान् वीक्ष्य मोहग्रस्तः अभवत्। (अर्जुन युद्ध के समय अपने परिजनों को देखकर मोहग्रस्त हो गया।)
(3) अस्मिन् चित्रे श्रीकृष्णः अर्जुनाय गीतायाः उपदेशं ददाति। (इस चित्र में श्रीकृष्ण अर्जुन को गीता का उपदेश दे रहे हैं।)
(4) उपदेशान् प्रेरितः अर्जुनः युद्धाय सन्नद्धः अभवत्। (उपदेश से प्रेरित होकर अर्जुन युद्ध में लग गया।)
(5) श्रीकृष्णः अर्जुनं अकथयत् यत् त्वं स्व कर्तव्यपालनम् कुरु। (श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि तुम अपने कर्त्तव्य का पालन करो।)


चित्रवर्णन-7 

Chitra-varnan-7

मंजूषा-  मुस्लिमधर्मावलम्बिनः, पालयन्ति, सेवई, इति मिष्टान्नम्, नूतनवस्त्राणि, वर्धापनानि, आलिङ्गनं, धार्मिकं सौहार्दम्, उत्सवः, मानयन्ति, उपासनागृहम्।

उत्तर –
(1) इदं चित्रं ईद-उत्सवस्य अस्ति। (यह चित्र ईद उत्सव का है।)
(2) मुस्लिमधर्मावलम्बिनः जनाः उपासनागृहम् गच्छन्ति। (मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग उपासना गृह (मस्ज़िद) जा रहे हैं।)
(3) सर्वे परस्परं मिलित्वा सेवई इति मिष्टान्नं खादन्ति वर्धापनानि च यच्छन्ति। (सभी आपस में मिलकर सेवई आदि मिठाई खाते हैं और बधाई देते हैं।)
(4) ते सर्वे नूतनानि वस्त्राणि धारयन्ति। (वे सभी नए वस्त्र पहने हुए हैं।)
(5) मुस्लिमधर्मावलम्बिनः इमम् उत्सवं धार्मिकसौहार्द्रण मानयन्ति। (मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग इस उत्सव को धार्मिक सौहाद्रता से मनाते हैं।)


चित्रवर्णन-8

Chitra-varnan-8

मंजूषा-  ईसामसीहः, जन्म, दिसम्बरमासस्य, केक इत्याख्यं मिष्टान्नम्, नूतनवस्त्राणि, गिरिजागृहम्, उपासनापद्धतिः, शैत्यम्, सिक्थवर्तिका, सान्ताक्लॉज इति, उपहाराणि, वाञ्छन्ति।

उत्तर –
(1) इदं चित्रं क्रिसमस-पर्वणस्य अस्ति। (यह चित्र क्रिसमस पर्व का है।)
(2) ईसामसीहस्य जन्मः दिसम्बरमासस्य पञ्चविंशत्याम् तारिकायाम् अभवत्। (ईसामसीह का जन्म दिसम्बर महीने की पच्चीस (25) तारीख को हुआ था।)
(3) सर्वे जनाः नूतनवस्त्राणि धारयित्वा गिरिजागृहं गच्छन्ति। (सभी लोग नए वस्त्र पहनकर गिरिजाघर जाते हैं।)
(4) जनाः अस्मिन् दिवसे केक इत्याख्यं मिष्टान्नम् खादन्ति। (लोग इस दिन केक इस नाम से प्रसिद्ध मिठाई खाते हैं।)
(5) सान्ताक्लॉजः बालकेभ्यः उपहारान् यच्छन्ति। (सान्ताक्लॉज बच्चों को उपहार देता है।)


चित्रवर्णन-9 

Chitra-varnan-9

मंजूषा-  चलचित्रम्, जनाः, सम्मर्दः, चलचित्रपटः, उत्सुकाः, चिकिटम्, खाद्यसामग्री, मध्यान्तरः, भारतम्, पश्यन्ति।

उत्तर –
(1) एतत् चलचित्रभवनस्य चित्रम् अस्ति। (यह चलचित्र भवन का चित्र है।)
(2) अत्र विशाल जनसम्मर्दः उत्सुकाः दृश्यते। (यहाँ विशाल जनसमुदाय उत्सुक दिखाई दे रहा है।)
(3) जनाः चिकिटम् क्रीत्वा चलचित्रं पश्यन्ति। (लोग टिकट खरीदकर चलचित्र देखते हैं।)
(4) जनाः मनोरञ्जनाय अत्र आगच्छन्ति। (लोग मनोरंजन के लिए यहाँ आते हैं।)
(5) जनाः मध्यान्तरे खाद्यसामग्रीम् अपि खादन्ति। (लोग बीच में खाना भी खाते हैं।)


चित्रवर्णन-10

Chitra-varnan-10

मंजूषा-  भारतद्वारम्, सैनिकाः, गणतंत्रदिवसः, पथसंचलनम्, ध्वजोत्तोलनम्, भवति, राष्ट्रियपर्व, अवकाशः, जनसम्मर्द, सैनिकाः।

उत्तर –
(1) इदं चित्रं गणतन्त्रदिवसस्य अस्ति। (यह चित्र गणतन्त्र दिवस का है।)
(2) अस्मिन् दिवसे भारतद्वारे ध्वजोत्तोलनम् भवति। (इस दिन भारतद्वार पर झंडा फहराया जाता है।)
(3) गणतन्त्रदिवसः भारतीयानाम् राष्ट्रियपर्वः अस्ति। (गणतंत्र दिवस भारतीयों का राष्ट्रीय पर्व है।)
(4) अस्मिन् दिवसे संपूर्णभारते अवकाशः भवति। (इस दिन सम्पूर्ण भारत में अवकाश होता है।)
(5) भारतद्वारे सैनिकाः पथसंचलनम् कुर्वन्ति। (भारतद्वार पर सैनिक पथसंचालन करते हैं।)


संस्कृत व्याकरण
संस्कृत में सभी शब्द रूप देखने के लिए शब्द रूप/Shabd Roop पर क्लिक करें और सभी धातु रूप देखने के लिए धातु रूप/Dhatu Roop पर क्लिक करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!