पौष रविवार व्रत कथा | Poush Ravivar Vrat Katha
एक साहूकार था| उसके कोई बच्चा नहीं था| एक दिन वह सुबह के समय घर के बाहर गया, तो उसने देखा कि एक किसान खेत में दाना डालने …
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Read moreभगवान विष्णु लक्ष्मी जी के साथ शादी होने लगी | सारे देवी – देवता को बारात में जाने के लिए बुलाया गया | तो सब बोलने लगे कि गणेश जी को बारात में …
Read moreश्री शाकुम्भरी अम्बाजी की आरती कीजो। ऐसी अद्भुत रूप हृदय धर लीजो॥ शताक्षी दयालु की आरती कीजो॥ शाकुम्भरी अम्बाजी की आरती कीजो…
Read moreजय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता। सत मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता॥ जयति जय गायत्री माता…
Read moreचिंतपूर्णी चिंता दूर करनी, जग को तारो भोली माँ, जन को तारो भोली माँ, काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा। भोली माँ…
Read moreॐ जय बज्रेश्वरी माता, मैया जय बज्रेश्वरी माता। कांगड़ा मंदिर तेरा, सबके मन भाता॥ ॐ जय बज्रेश्वरी माता…
Read moreॐ जय उजली माता, मैया जय उजली माता। ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता॥ ॐ जय उजली माता…
Read moreबारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम। जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके, कहाँ उसे विश्राम। अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत सब काम॥ बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम…
Read moreआरती श्री जनक दुलारी की। सीता जी रघुवर प्यारी की॥ जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी।…
Read moreॐ जय यमुना माता, हरि जय यमुना माता। जो नहावे फल पावे, सुख दुःख की दाता॥ ॐ जय यमुना माता…
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