Sanskrit

जि/जय् (जीतना, to win) धातु के रूप | Ji/Jay Dhatu Roop in Sanskrit

Ji/Jay Dhatu Roop in Sanskrit – जि-जय् धातु का अर्थ है ‘जीतना, to win’। यह भ्वादिगण तथा परस्मैपदी धातु है। सभी भ्वादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- भू-भव्, अर्च्, अस्, गम्, गुह्, घ्रा, तप्, दा, दृश्, धाव्, नी, पा…

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घ्रा/जिघ्र (सूँघना, to smell) धातु के रूप | Ghra / Jighra Dhatu Roop in Sanskrit

Ghra/Jighra Dhatu Roop in Sanskrit – घ्रा-जिघ्र धातु का अर्थ है ‘सूँघना, to smell’। यह भ्वादिगण तथा परस्मैपदी धातु है। सभी भ्वादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- भू-भव्, अर्च्, अस्, गम्, गुह्, जि, तप्, दा, दृश्, धाव्…

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गम्/गच्छ (जाना, to go) धातु के रूप | Gam / Gachchh Dhatu Roop in Sanskrit

Gam/Gachchh Dhatu Roop in Sanskrit- गम्-गच्छ धातु का अर्थ है ‘जाना, to go’। यह भ्वादिगण तथा परस्मैपदी धातु है। सभी भ्वादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- भू-भव्, अर्च्, अस्, गुह्, घ्रा, जि, तप्, दा, दृश्…

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अस् (होना, to be) धातु के रूप | As Dhatu Roop in Sanskrit

As Dhatu Roop in Sanskrit – अस् धातु का अर्थ है ‘होना, to be’। यह भ्वादिगण तथा परस्मैपदी धातु है। सभी भ्वादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- भू-भव्, अर्च्, गम्, गुह्, घ्रा, जि, तप्, दा, दृश्, धाव्, नी, पा, पच्…

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अर्च् (पूजा करना, to worship) धातु के रूप | Arch Dhatu Roop in Sanskrit

Arch Dhatu Roop in Sanskrit- अर्च् धातु का अर्थ है ‘पूजा करना, to worship’। यह भ्वादिगण तथा परस्मैपदी धातु है। सभी भ्वादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- भू-भव्, अस्, गम्, गुह्, घ्रा, जि, तप्, दा, दृश्, धाव्…

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पठ् (पढना, to read) धातु के रूप | Path Dhatu Roop in Sanskrit

Path Dhatu Roop in Sanskrit- पठ् धातु का अर्थ है ‘पढना, to read’। यह भ्वादिगण तथा परस्मैपदी धातु है। सभी भ्वादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- भू-भव्, अर्च्, अस्, गम्, गुह्, घ्रा, जि, तप्, दा, दृश्, धाव्, नी, पा…

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भू-भव् (होना, to be) धातु के रूप | Bhu/Bhav Dhatu Roop in Sanskrit

Bhu/Bhav Dhatu Roop in Sanskrit- भू-भव् धातु का अर्थ है ‘होना, to be’। यह भ्वादिगण का प्रथम गण है तथा परस्मैपदी धातु है। सभी भ्वादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- अर्च्, अस्, गम्, गुह्, घ्रा, जि, तप्, दा, दृश्…

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धातु रूप (तिड्न्त प्रकरण) की परिभाषा, भेद और उदाहरण | Dhatu Roop In Sanskrit

संस्कृत व्याकरण में क्रियाओं के मूल रूप को धातु (Verb) कहते हैं। धातु ही संस्कृत शब्दों के निर्माण का मूल तत्त्व है। धातुओं के साथ उपसर्ग, प्रत्यय मिलकर तथा सामासिक क्रियाओं के द्वारा सभी शब्द (संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया आदि) बनते हैं। ‘धातु’ शब्द स्वयं

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अष्टन् / आठ (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) शब्द के रूप | Ashtan / Aath Shabd Roop in Sanskrit

Ashtan / Aath Shabd Roop in Sanskrit – अष्टन् (आठ) शब्द संख्यावाचक शब्द है। अष्टन् के रूप बहुवचन में प्रथमा विभक्ति से सप्तमी विभक्ति तक होते हैं। एकवचन तथा द्विवचन में रूप नहीं होते हैं। इसके रूप तीनों लिंगों…

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सप्तन् / सात (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) शब्द के रूप | Saptan / Saat Shabd Roop in Sanskrit

Saptan / Saat Shabd Roop in Sanskrit – सप्तन् (सात) शब्द संख्यावाचक शब्द है। सप्तन् के रूप बहुवचन में प्रथमा विभक्ति से सप्तमी विभक्ति तक होते हैं। एकवचन तथा द्विवचन में रूप नहीं होते हैं। इसके रूप तीनों लिंगों…

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