श्री शालिग्राम जी की आरती – शालिग्राम सुनो विनती मेरी | Shri Shaligram Ji Ki Aarti
शालिग्राम सुनो विनती मेरी। यह वरदान दयाकर पाऊँ॥ प्रात: समय उठी मंजन करके। प्रेम सहित स्नान कराऊँ॥…
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Read Moreॐ जय कैला रानी, मैया जय कैला रानी। ज्योति अखंड दिये माँ, तुम सब जगजानी॥ तुम हो शक्ति भवानी, मन वांछित फल दाता। अद्भुत रूप अलौकिक, सदानन्द माता॥ ॐ जय कैला रानी…
Read Moreॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता। अपने भक्त जनन की, दूर करन विपत्ती॥ ॐ जय श्री राणी सती माता…
Read Moreॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान। जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा। धरत सब ही तव ध्यान ॥ ॐ जय सूर्य भगवान…
Read Moreॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे। स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, जनका ताप हरे॥ ॐ जय नरसिंह हरे…
Read Moreॐ जय श्री जीण मईया, बोलो जय श्री जीण मईया। सच्चे मन से सुमिरे, सब दुःख दूर भया॥ ॐ जय श्री जीण मईया…
Read Moreॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा। पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा॥ ॐ जय दूलह देवा…
Read Moreमंगल मूरति जय जय हनुमन्ता, मंगल मंगल देव अनन्ता। हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे। शंकर सुवन केसरी नन्दन, तेज प्रताप महा जग वन्दन॥…
Read Moreश्री शाकुम्भरी अम्बाजी की आरती कीजो। ऐसी अद्भुत रूप हृदय धर लीजो॥ शताक्षी दयालु की आरती कीजो॥ शाकुम्भरी अम्बाजी की आरती कीजो…
Read Moreजय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता। सत मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता॥ जयति जय गायत्री माता…
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