गंगा जी की आरती | Ganga Ji Ki Aarti
ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता। जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥ ॐ जय गंगे माता…
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Read moreआरती श्री वृषभानु लली की, सत चित आनंद कंद कली की। भयभंजिनी भवसागर-तारिणी, पाप ताप कलि कल्मष हारिणि…
Read moreआरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की। त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेक विराग विकासिनि…
Read moreआरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की। गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला। श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला॥…
Read moreश्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज। तेरे माथे मुकुट विराज रहो॥ तोपे पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े, तोपे चढ़े दूध की धार, ओ धार। तेरे माथे मुकुट विराज रहो॥ श्री गोवर्धन महाराज…
Read moreॐ जय जय जय गिरिराज, स्वामी जय जय जय गिरिराज। संकट में तुम राखौ, निज भक्तन की लाज॥ ॐ जय जय जय गिरिराज…
Read moreजय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी। शरण पड़यो हूँ थारी बाबा, शरण पड़यो हूँ थारी॥ जय जय पितर महाराज…
Read moreॐ जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता। हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता॥ ॐ जय वैष्णवी माता…
Read moreॐ जय भगवद् गीते, मैया जय भगवद् गीते। हरि-हिय-कमल-विहारिणि, सुन्दर सुपुनीते॥ ॐ जय भगवद् गीते…
Read moreतुलसी महारानी नमो-नमो, हरि की पटरानी नमो-नमो। धन तुलसी पूरण तप कीनो, शालिग्राम बनी पटरानी। जाके पत्र मंजरी कोमल, श्रीपति कमल चरण लपटानी॥
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