Chitra Varnan in Sanskrit for Class 10

‘चित्राधारितवर्णनम्’ अर्थात् चित्र के आधार पर उसका वर्णन करना। यह वर्णन मंजूषा में दिए गए शब्दों की सहायता से करना होता है। चित्र को देखकर अपने शब्दों में वर्णन करना ही चित्रवर्णन कहलाता है।…

Read more

Stree Pratyay in Sanskrit

पुल्लिंग शब्दों में जिन प्रत्ययों को लगाकर स्त्रीलिंग या स्त्रीवाचक शब्द बनाए जाते हैं, उन्हें स्त्री प्रत्यय कहते हैं। जैसे- अज + टाप् = अजा। स्त्री प्रत्यय के भेद। 1. टाप् (आ) प्रत्यय, 2. डाप् (आ) प्रत्यय, 3. चाप् (आ) प्रत्यय, 4. ङीप् (ई) प्रत्यय, 5. ङीष् (ई) प्रत्यय, 6. ङीन् (ई) प्रत्यय ..

Read more

Taddhit Pratyay in Sanskrit

संज्ञा, विशेषण तथा कृदन्त आदि शब्दों के साथ जुड़कर अर्थ परिवर्तन करने वाले प्रत्ययों को तद्धित प्रत्यय कहते हैं। जैसे- श्री + मतुप् = श्रीमत् (श्रीमान्)। तद्धित प्रत्ययांत शब्दों में कारक विभक्तियाँ लगती हैं। तद्धित प्रत्यय का प्रयोग धातुओं के साथ नहीं किया जाता है।…

Read more
error: Content is protected !!