Parsawarn Sandhi in Sanskrit
परसवर्ण संधि – अनुस्वारस्य ययि परसवर्णः | Parsawarn Sandhi in Sanskrit (Sanskrit Vyakaran)
परसवर्ण संधि का सूत्र है- अनुस्वारस्य ययि परसवर्णः। यदि अनुस्वार के बाद कोई भी वर्गीय व्यंजन आए तो अनुस्वार के स्थान पर आगे वाले वर्ण का उसी वर्ग का पञ्चम वर्ण हो जाता है। जैसे- सं + कल्प: = सङ्कल्प:
नियम 1 – अनुस्वार ( -ं ) + कोई भी वर्गीय व्यंजन = उसी वर्ग का पंचम वर्ण (ङ्, ञ्, ण्, न्, म्)
अं+ कितः = अङ्कितः
सं + कल्प: = सङ्कल्प:
कुं + ठित: = कुण्ठितः
मुं + चति = मुञ्चति
मुं + डनम् = मुण्डनम्
अं + चित: = अञ्चित:
नं + दतिः = नन्दति
कं + पते = कम्पते
त्वं + करोषि = त्वङ्करोषि
सं + पृक्तौ = सम्पृक्तौ
अन्य व्यंजन संधियाँ
1. श्चुत्व संधि
2. ष्टुत्व संधि
3. जशत्व संधि
4. चर्त्व संधि
5. अनुस्वार संधि
6. अनुनासिक संधि
7. परसवर्ण संधि
8. लत्व संधि
9. छत्व संधि
अन्य नियम
संस्कृत व्याकरण
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