रत्न शब्द के रूप | Ratn Shabd Roop in Sanskrit

रत्न शब्द के रूप | Ratn Shabd Roop in Sanskrit

Ratn Shabd Roop in Sanskrit – रत्न शब्द अकारांत नपुंसकलिंग संज्ञा शब्द है। सभी नपुंसकलिंग संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनायें जाते हैं, जैसे- फल, ज्ञान, धन, जल, अन्न, हृदय, वन, कमल, कुल, कार्य, काल, कोमल, कौशल, क्षेत्र, ऋण, उपवन, नगर, गृह, खाद्य, चक्र, चित्र, चरित्र, छत्र, जन्म, जीवन, दुग्ध (दूध), दिन, द्वार, नगर, पत्र, पुष्प (फूल), पुस्तक, पद्य, बल, भय (Fear, डर), भवन (महल), भाग्य, भोजन, मनोहर, मन्दिर, मित्र, मुख, मधुर, यन्त्र, युग, युद्ध आदि।

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा रत्नम् रत्ने रत्नानि
द्वितीया रत्नम् रत्ने रत्नानि
तृतीया रत्नेन रत्नाभ्याम् रत्नैः
चतुर्थी रत्नाय रत्नाभ्याम् रत्नेभ्यः
पंचमी रत्नात् / रत्नाद् रत्नाभ्याम् रत्नेभ्यः
षष्‍ठी रत्नस्य रत्नयोः रत्नानाम्
सप्‍तमी रत्ने रत्नयोः रत्नेषु
सम्बोधन हे रत्न! हे रत्ने! हे रत्नानि!

अजन्त (अकारांत) पुल्लिङ्ग् शब्‍द रूप (Shabd Roop)