Sanskrit

करण कारक (तृतीया विभक्ति) संस्कृत में | Karan Karak in Sanskrit

जिसकी सहायता से कोई कार्य किया जाए, उसे करण कारक कहते हैं। करण कारक का विभक्ति-चिह्न ‘से, के द्वारा’ है। जैसे- बालकाः कन्दुकेन क्रीडन्ति। बालक गेंद से खेल रहे हैं। इस वाक्य में कर्ता बालक गेंद की सहायता से खेल रहे हैं। इसलिए गेंद में…

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कर्म कारक (द्वितीया विभक्ति) संस्कृत में | Karm Karak in Sanskrit

कर्त्ता अपनी  क्रिया के द्वारा जिसको विशेष रूप से प्राप्त करना चाहता है, उसकी कर्म संज्ञा होती है और कर्म में द्वितीया विभक्ति आती है। उदाहरण – सः हरिं भजति। वह हरि को भजता है। इस वाक्य में कर्ता वह का ईप्सिततम हरि है अर्थात् वह हरि को…

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कर्त्ता कारक (प्रथमा विभक्ति) संस्कृत में | Karta Karak in Sanskrit

जो क्रिया के करने में स्वतन्त्र होता है तथा कर्ता के जिस रूप से क्रिया को करने वाले का बोध होता है, वह कर्ता कहलाता है और कर्ता में प्रथमा विभक्ति होती है। जैसे- रामः पठति। राम पढ़ता है। यहाँ राम कर्ता है और उसमें प्रथमा विभक्ति लगी है।…

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कारक प्रकरण – कारक के भेद, विभक्ति और चिह्न | Karak in Sanskrit (Sanskrit Vyakaran)

‘क्रियान्वयित्वं कारकत्वम्, क्रियाजनकत्वं वा कारकत्वम्’ अर्थात् क्रिया मे जिसका अन्वय हो या जो क्रिया का जनक हो, वह कारक कहलाता है। जैसे – रामः गृहं गच्छति। राम घर जाता है। यहाँ राम और घर का ‘जाना’ क्रिया से सीधा सम्बन्ध है, अतः राम और घर दोनों ही कारक है।…

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खाद् (खाना, to eat) धातु के रूप | Khad Dhatu Roop in Sanskrit

Khad Dhatu Roop in Sanskrit- खाद् धातु का अर्थ है ‘खाना, to eat’। यह भ्वादिगण तथा परस्मैपदी धातु है। सभी भ्वादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- भू-भव्, अर्च्, अस्, गुह्, घ्रा, जि, तप्, दा, दृश्, धाव्, नी, पा, पच्, पत्, पठ्…

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संस्कृत के पर्यायवाची शब्द | Paryayvachi Shabd in Sanskrit (Synonyms in Sanskrit)

जिन शब्दों के अर्थ में समानता हो, उन्हें ‘पर्यायवाची शब्द’ कहा जाता है। दूसरे अर्थ में- समान अर्थवाले शब्दों को ‘पर्यायवाची शब्द’ या ‘समानार्थक’ शब्द कहते है। जैसे- विनायक: गजानन:, लम्बोदर:, विघ्नराज:, गणाधिप:, एकदन्त: आदि, इन…

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लभ् (सेवा करना, to nurse) धातु के रूप | Labh Dhatu Roop in Sanskrit

Labh Dhatu Roop in Sanskrit – लभ् धातु का अर्थ है ‘प्राप्त करना, to obtain’। यह भ्वादिगण तथा आत्मनेपदी धातु है। सभी भ्वादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- भू-भव्, अर्च्, अस्, गम्, गुह्, घ्रा, जि, तप्, दा, दृश्…

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संस्कृत में 1 से 1000 तक की गिनती | Sanskrit Counting 1 to 1000

हमने यहाँ 1 से 100 तक की गिनती संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी में दी हुई है, इसे हम दस करोड़ तक कर सकते हैं। यह बहुत आसान है, यदि आप हिंदी को समझते हैं- संस्कृत संख्याएँ सीखना और भी आसान हो जाता है। यह गिनती प्रतियोगी…

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पाल् (पालना करना, to abide) धातु के रूप | Pal Dhatu Roop in Sanskrit

Pal Dhatu Roop in Sanskrit – पाल् धातु का अर्थ है ‘पालना करना, to abide’। यह चुरादिगण तथा उभयपदी धातु है। सभी चुरादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- चुर्, कथ्, गण्, चिन्त्, छिद्र आदि। पाल् धातु के रूप…

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छिद्र (छेद करना, to make a hole) धातु के रूप | Chhidra Dhatu Roop in Sanskrit

Chhidra Dhatu Roop in Sanskrit – छिद्र धातु का अर्थ है ‘छेद करना, to make a hole’। यह चुरादिगण तथा उभयपदी धातु है। सभी चुरादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- चुर्, कथ्, गण्, चिन्त्, पाल् आदि। छिद्र धातु…

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