जन् (उत्पन्न होना, to grow) धातु के रूप | Jan Dhatu Roop in Sanskrit
Jan Dhatu Roop in Sanskrit – जन् धातु का अर्थ है ‘उत्पन्न होना, to grow’। यह दिवादिगण तथा आत्मनेपदी धातु है। सभी दिवादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- दिव्, क्रुध्, विद्, नश्, नृत्, शम्, सिव् आदि। जन् धातु के रूप संस्कृत में सभी पुरुष एवं वचनों में नीचे दिए गए हैं।
1 . लट् लकार (वर्तमान काल, Present Tense)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | जायते | जायेते | जायन्ते |
मध्यम पुरुष | जायसे | जायेथे | जायध्वे |
उत्तम पुरुष | जाये | जायावहे | जायामहे |
2. लृट् लकार (भविष्यत काल, Future Tense)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | जनिष्यते | जनिष्येते | जनिष्यन्ते |
मध्यम पुरुष | जनिष्यसे | जनिष्येथे | जनिष्यध्वे |
उत्तम पुरुष | जनिष्ये | जनिष्यावहे | जनिष्यामहे |
3. लङ् लकार (भूतकाल, Past Tense)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | अजायत | अजायेताम् | अजायन्त |
मध्यम पुरुष | अजायथाः | अजायेथाम् | अजायध्वम् |
उत्तम पुरुष | अजाये | अजायावहि | अजायामहि |
4. लोट् लकार (आज्ञा के अर्थ में, Imperative Tense)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | जायताम् | जायेताम् | जायन्ताम् |
मध्यम पुरुष | जायस्व | जायेथाम् | जायध्वम् |
उत्तम पुरुष | जायै | जायावहै | जायामहै |
5. विधिलिङ् लकार (चाहिए के अर्थ में, Potential Mood)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | जायेत | जायेयाताम् | जायेरन् |
मध्यम पुरुष | जायेथाः | जायेयाथाम् | जायेध्वम् |
उत्तम पुरुष | जायेय | जायेवहि | जायेमहि |
6. लुङ् लकार (सामान्य भूतकाल, Perfect Tense)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
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प्रथम पुरुष | अजनिष्ट | अजनिषाताम् | अजनिषत |
मध्यम पुरुष | अजनिष्ठाः | अजनिषाथाम् | अजनिढ्वम् |
उत्तम पुरुष | अजनिषि | अजनिष्वहि | अजनिष्महि |
7. लिट् लकार (परोक्ष भूतकाल, Past Perfect Tense)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
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प्रथम पुरुष | जज्ञे | जज्ञाते | जज्ञिरे |
मध्यम पुरुष | जज्ञिषे | जज्ञाथे | जज्ञिध्वे |
उत्तम पुरुष | जज्ञे | जज्ञिवहे | जज्ञिमहे |
8. लुट् लकार (अनद्यतन भविष्य काल, First Future Tense of Periphrastic)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
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प्रथम पुरुष | जनिता | जनितारौ | जनितार: |
मध्यम पुरुष | जनितासे | जनितासाथे | जनिताध्वे |
उत्तम पुरुष | जनिताहे | जनितास्वहे | जनितास्महे |
9. आशिर्लिङ् लकार (आशीर्वाद हेतु, Benedictive Mood)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
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प्रथम पुरुष | जनिषीष्ट | जनिषीयास्ताम् | जनिषीरन् |
मध्यम पुरुष | जनिषीष्ठाः | जनिषीयास्थाम् | जनिषीध्वम् |
उत्तम पुरुष | जनिषीय | जनिषीवहि | जनिषीमहि |
10. लृङ् लकार (हेतुहेतुमद् भविष्य काल, Conditional Mood)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
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प्रथम पुरुष | अजनिष्यत | अजनिष्येताम् | अजनिष्यन्त |
मध्यम पुरुष | अजनिष्यध्वम् | अजनिष्येथाम् | अजनिष्यध्वम् |
उत्तम पुरुष | अजनिष्ये | अजनिष्यावहि | अजनिष्यामहि |
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