‘त्र’ से शुरू होने वाले मुहावरें

‘त्र’ से शुरू होने वाले मुहावरे (अर्थ एवं वाक्य प्रयोग सहित)

यहाँ ‘त्र‘ शब्द के कुछ प्रसिद्ध मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य में प्रयोग सहित दिए जा रहे है।

'त्र' से शुरू होने वाले मुहावरें

1. त्राहि-त्राहि करना – विपत्ति या कठिनाई के समय रक्षा / शरण के लिए प्रार्थना करना
वाक्य प्रयोग : बाढ़ आने से घर में पानी भर जाने पर लोग त्राहि-त्राहि करने लगे।

2. त्रिशुंक होना – बीच में रहना / न इधर का, न उधर का
वाक्य प्रयोग : अच्छी फ़सल के चक्कर में किसान का घर गिरवी हो गया, एक प्रकार से वह त्रिशंकु हो गया।


अन्य अक्षरों से मुहावरें

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